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विनय तिवारी खोरठा गीतकार, लोकगायक, कवि, साहित्यकार, फ़िल्मलेखक, निर्देशक, भाषा आंदोलनकारी : एक परिचय

व्यक्तिगत जानकारी

प्रकाशित कृतियां

सम्मान और उपलब्धियाँ

खोरठा भाषा और संस्कृति में योगदान

विनय कुमार तिवारी ने खोरठा गीत-संगीत को आधुनिक समाज और संदर्भ से जोड़कर एक नई पहचान दी। उनके गीतों ने न केवल खोरठा भाषी क्षेत्र में, बल्कि बिहार, बंगाल, उड़ीसा, असम, छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में भी अभूतपूर्व लोकप्रियता हासिल की।

एक हजार से अधिक खोरठा गीतों की रचना की है, जिनमें से अधिकांश सुपर-डुपर हिट हुए हैं। टी सिरीज़ कैसेट कंपनी के साथ अनुबंध किया और कई हिट एलबम बनाए। बॉलीवुड के प्रसिद्ध गायकों जैसे कुमार शानु, उदित नारायण, सपना अवस्थी और भजन सम्राट अनुप जलोटा ने इनके गीतों को अपनी आवाज दी है।

खोरठा भाषा साहित्य संगीत सिनेमा के हक के लिए निरंतर संघर्षशील रहे हैं। कई बार आंदोलन किए, सरकार से पत्राचार किया और मीडिया के माध्यम से आवाजें उठाईं।

फिल्म क्षेत्र में योगदान

विरासत और प्रभाव

विनय तिवारी झारखंड के लगभग डेढ़ करोड़ लोगों की जनसंपर्क भाषा खोरठा के पहले ऐसे लोककलाकार हैं जिनके घर भारत सरकार के सांस्कृतिक मंत्रालय के संगीत नाटक एकेडमी की अध्यक्ष डॉ संध्या पुरेचा 'मिट टू आर्टिस्ट' प्रोग्राम के तहत पहुंची।

आज भी वे खोरठा भाषा, साहित्य, संगीत और सिनेमा के विकास के लिए निरंतर कार्यरत हैं और हजारों लोगों के लिए प्रेरणा स्रोत बने हुए हैं।

एक साधारण ब्राह्मण परिवार में जन्में, एक किरानी के तीसरे पुत्र विनय जी को अपने गीत-संगीत से बचपन से रुचि थी। स्नातक प्रतिष्ठा के बाद भी उन्होंने खोरठा गीत-संगीत को एक नई पहचान दिलाना ही जीवन लक्ष्य बना लिया। कठिन संघर्ष और चुनौतियों का सामना करते हुए आज वे खोरठा गीत-संगीत और सिनेमा के क्षेत्र में एक मील का पत्थर बन चुके हैं।

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